अवध वाटिका साहित्य संस्थान के तत्वावधान में आयोजित हुई काव्य गोष्ठी


रिपोर्ट - मिथिलेश जायसवाल 

बहराइच। अवध वाटिका साहित्य संस्थान बहराइच के तत्वावधान में आयोजित नियमित पाक्षिक कवि गोष्ठी का आयोजन सेनानी भवन सभागार में किया गया जिसकी अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष पीके प्रचण्ड ने की ।संचालन तिलक राम अजनबी ने किया। शैलेन्द्र शुक्ल सागर के द्वारा माँ वीणा पाणि की वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ फिर नवोदित रचनाकार महीप चन्द कनौजिया ने देश की वर्तमान परिस्थिति पर अपनी व्यंग्य पूर्ण कविता प्रस्तुत की ,विनोद पाण्डेय ने पढ़ा -किसी से शिकवा या शिकायत की कोई बात नहीं। दर्द गहरा है फिर भी कोई फरियाद नहीं ।इसी क्रम में शहनवाज खान व विनोद कश्यप व किशोरी लाल चौधरी ने भी अपनी अपनी रचना प्रस्तुत की फिर रईस सिद्दीकी ने पढ़ा -आज के दौर में प्यार की बात, कमाल करते हैं। संचालक तिलक राम अजनबी ने पढ़ा -प्यार जो था सदा प्यार वो न रहा। पहले जैसा था संसार वो न रहा। लोग मस्ती में जीते थे सब अजनबी, पहले होता था परिवार वो न रहा। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विजय गौड़ ने अपनी रचना प्रस्तुत करके सबका मनमोह लिया विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित डा0 दिनेश त्रिपाठी शम्स जी ने पढ़ा -व्यवस्था में रद्दोबदल चाहते हैं। न मेहनत न जज्बा न बेचैनी कोई,, सभी किन्तु होना सफल चाहते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पीके प्रचंड ने पढ़ा -जीवन में मुस्काना सीख, तम को दूर भगाना सीख। अंत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद के संगठन मंत्री रमेश चन्द्र मिश्र ने आये हुए कलमकारों को साहित्य में प्रगति हेतु अपना शुभकामना संदेश दिया।इस मौके पर काफी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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